
सूरत (योगेश मिश्रा) शहर की क्राइम ब्रांच ने एक करोड़ से अधिक के मेफेड्रोन ड्रग्स के मामले में जेल में बंद आरोपी को अंतरिम जमानत दिलाने के लिए फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने वाले एक झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। आरोपी डॉक्टर ने बिना मेडिकल डिग्री के अवैध रूप से अस्पताल चलाते हुए फर्जी दस्तावेज किए थे। साल 2020 में सूरत क्राइम ब्रांच ने मेफेड्रोन ड्रग्स के 1011.82 ग्राम वजन के साथ कुल 1,04,19,410 रुपए के माल समेत 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी आदिल सलीम नूरानी (41), जेल में न्यायिक हिरासत में है। आरोपी ने अपनी मां मुनिरा नूरानी की मेडिकल स्थिति का हवाला देते ।
फर्जी सर्टिफिकेट बनाने की साजिश का ऐसे हुआ खुलासा
क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला कि फर्जी सर्टिफिकेट शोभितसिंह महिपालसिंह ठाकुर (32), निवासी जय महादेव नगर सोसाइटी, पांडेसरा ने बनाया था। वह बिना किसी डिग्री के कृष्णा जनरल एंड ट्रॉमा अस्पताल चला रहा था। आरोपी ने डॉ. तडवी की जानकारी के बिना उनके नाम और मुहर का इस्तेमाल कर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाई। सूरत क्राइम ब्रांच ने 3 दिसंबर 2024 को डीसीबी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। भारतीय दंड संहिता 229, 318(4), 336(2), 338, 339, 340(2), 212, 61 (2), 3(5), 54, और गुजरात वैद्यकीय व्यवसाय अधिनियम 1963 की धारा 30 के तहत केस दर्ज किया।