
सूरत (योगेश मिश्रा) शहर के उधना जोन-ए में शामिल रंगाई इकाइयां, तपेलाला रंगाई इकाइयां जीपीसीबी मानदंडों के अनुसार बिना उपचार के रासायनिक रंगीन प्रदूषित पानी को ड्रेनेज लाइन में छोड़ देती हैं। इसके चलते सूरत नगर निगम के बामरोली टर्शरी ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता और स्वेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता करीब 50 फीसदी कम हो गई है। जो कि बेहद गंभीर मामला है। जोन और मुख्य ड्रेनेज विभाग द्वारा संयुक्त स्थल निरीक्षण के दौरान, उधना क्षेत्र में स्थित विभिन्न रंगाई और छपाई मिलों और तपेला रंगाई मिलों द्वारा दूषित रंगीन रसायन बिना ट्रीटमेंट के ड्रेनेज लाईन में छोडा जा रहा होने का उजागर हुआ। जीपीसीबी के निति नियमों के अनुसार रसायण छोड़ने वाली इकाइयों का नमूना लिया गया।नमूना सूरत नगर निगम की प्रयोगशाला में किया गया था और परिणामों में पैरामीटर सामने आए। जो निर्धारित मापदंडों के अंतर्गत नहीं है। नमूनों के परिणामों को ध्यान में रखते हुए, यह स्पष्ट रूप से पता चला है कि विभिन्न इकाइयों द्वारा आवश्यक जीपीसीवी नियमों का पालन किए बिना सूरत नगर निगम के ड्रेनेज होल में दूषित रंगीन रसायन मिश्रित पानी छोड़ा जा रहा है जो कि बेहद गंभीर मामला है। नियमों के तहत बिना ट्रीटमेंट आने वाले दूषित रंगीन के रसायन मिश्रित पानी को रोकने का कार्य सीलिंग अभियान के द्वारा किया गया है। लेकिन आपके (जीपीसीपी) द्वारा दी गई एनओसी की शर्तों का पालन संपत्ती एवं ईकाईयां नहीं कर रही हैं। अत लैब रिपोर्ट के अनुसार आपके विभाग के लिए यह आवश्यक है कि उपरोक्त कार्यों में क्षेत्र की रंगाई-छपाई मिलों तथा तपेला डाईज को बंद करने का नोटिस जारी किया जाए। जिसमें भेस्तान के आशीर्वाद सोसाइटी, बुरजीवाला, उधना, सोलापुर कंपाउंड में अवैध खातो की भरमार है। सूरत नगर निगम के स्वेज उपचार एवं तृतीयक उपचार संयंत्र को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकेगा।