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सौतेले बेटे की पत्नी की हत्या करने वाले आरोपी सौतेले पिता को आजीवन कारावास की सजा

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सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में आरोपी द्वारा दोस्तों के सामने फोन पर जुर्म कबूल करने की वॉयस स्पेक्ट्रोस्कोपी रिपोर्ट अहम साबित हुई । अपर सत्र न्यायाधीश एच.एम.व्यास ने आज आरोपी पालक पिता को चार साल पहले सौतेले बेटे से तलाकशुदा बहू की चप्पू से वार कर हत्या करने का दोषी पाते हुए दो साल के साधारण कारावास का आदेश दिया है।

शिकायतकर्ता मयूर सुरेशभाई मोरे (रे. भीमनगर उधना एसएमसी आवास), मूल निवासी, धुलिया जिला, महाराष्ट्र, ने कहा कि उसकी पत्नी नेहा का 18-6-20 को तलाक हो जाने के बावजूद, वह कोराना लॉकडाउन में रह रही थी शिकायतकर्ता ने बताया कि 37 वर्षीय आरोपी मेहुल बदरूभाई लखानी, जो शिकायतकर्ता का पालक पिता है, ने अपने सौतेले बेटे की बहू नेहा पर चप्पू से जानलेवा हमला कर हत्या कर दी और आरोपी मेहुल लखानी फरार हो गया अपने दोस्तों को मोबाइल फोन पर अपराध के बारे में बताया। इसलिए अभियोजक मयूर मोरे ने अपनी तलाकशुदा पत्नी नेहा की हत्या के लिए उधना पुलिस में आरोपी सौतेले पिता मेहुल लखानी के खिलाफ ईपीसीओ-302 और बीपी अधिनियम-135 के तहत शिकायत दर्ज की।

चार साल पुराने हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी के बचाव पक्ष ने बचाव में कहा कि अभियोजन पक्ष ने उस फोन कॉल के संबंध में वॉयस स्पेक्ट्रोस्कोपी रिपोर्ट पर भरोसा किया जिसमें आरोपी ने अपने दोस्तों के सामने अपराध कबूल किया था लेकिन वे गवाह मुकर गए , अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं करते हुए नवसारी होई अपनी पत्नी के साथ, शिकायतकर्ता और उसका बेटा घटना के समय और स्थान पर मौजूद नहीं थे, इसलिए उन्होंने आरोपी को गलत संलिप्तता से बरी करने की मांग की। इसके विरोध में सरकार की ओर से एपीपी विशाल फालदू ने कुल 23 गवाह और 20 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किये और कहा कि जांच अधिकारी ने शपथ लेकर साक्ष्य दिया है कि अभियुक्त और मृतक अंत में एक साथ थे गिरफ्तार कर लिया गया है, मोबाइल फोन, अपराध में इस्तेमाल किया गया चप्पू, खून से सने कपड़े जब्त कर लिए गए हैं। आरोपी और उसके बीच हुई बातचीत के संबंध में मृतक नेहाबेन का खून पाया गया है फ़ोन पर मित्र. जिसके बारे में एक निष्पक्ष स्वतंत्र गवाह की गवाही आई है. न्यायालय ने स्वतंत्र एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को स्वीकार करते हुए आरोपी मेहुल लखानी को हत्या के अपराध में आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई।

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