
सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में दिन-ब-दिन नए उद्योग स्थापित हो रहे हैं। जिसके कारण सूरत शहर और उसके आसपास के इलाकों में काफी हद तक प्रदूषण फैल रहा है । इस संबंध में कांग्रेस ने कहा कि वर्तमान समय में सूरत शहर के आसपास के इलाकों में, सायण, देलाड, सीवान, पारिया, करेली, वासवाडी, गोठान जैसे गांवों में भारतीय जनता पार्टी सरकार हर महीने बड़ी संख्या में वॉटर जेट फैक्ट्री बनाने के लिए परमिट दे रही है। लेकिन प्रदूषण बोर्ड के नियमानुसार वाटर जेट फैक्ट्री बनाते समय इस फैक्ट्री के अंदर ईटीपी प्लांट लगाना अनिवार्य है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस प्लांट को 5% फैक्ट्री मालिक भी नहीं बनाते हैं। जिसके कारण इस फैक्ट्री के अंदर से निकलने वाला गंदा पानी फैक्ट्री के अंदर बने बोरिंग में डाला जाता है । जिसके कारण इस क्षेत्र के अंदर रहने वाले लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। भारी जल उपयोग के कारण इस क्षेत्र में जल स्तर 50 से 80 फीट नीचे चला गया है। पिछले काफी समय से फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा रिवर्स बोरिंग की प्रक्रिया के कारण आवासीय क्षेत्र के अंदर का पानी दुर्गंधयुक्त हो गया है और स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है. शहर के आसपास जल जेट वाले कई रासायनिक संयंत्र हैं जो जीपीसीबी की अनुमति के बिना कई रासायनिक इकाइयों का उत्पादन कर रहे हैं। ऐसे प्रशासक अपने स्वार्थ के लिए बड़े पैमाने पर लोगों के स्वास्थ्य से समझौता कर रहे हैं। लेकिन प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा कोई ठोस काम नहीं किया जा रहा है । नियम विरुद्ध चल रही ऐसी सभी फैक्ट्रियां/इकाइयां अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध रूप से चल रही हैं। किसी भी लेन-देन के कारण उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है। जो अत्यंत दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। रिवर्स बोरिंग की बढ़ती प्रक्रिया के कारण दिन-ब-दिन लोग कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। जो कि बेहद गंभीर मामला है. कांग्रेस ने कहा अगर आने वाले दिनों में इस संबंध में कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो ऐसे सभी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा। यदि अगले सात दिन में कड़ी कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम दिया जाएगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी जीपीसीबी के अधिकारी की होगी।