
सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में ऑनलाइन होजरी के कारोबार में फायदा नहीं हुआ तो दो भाइयों ने नकली नोट छापने का फैसला कर लिया। इसके लिए उन्होंने बकायदा ‘फर्जी’ वेब सीरीज देखी। इसके बाद यूट्यूब पर नकली नोट छापने के वीडियो भी देखे। दोनों इतने शातिर थे कि वे केवल 100 रुपए के नकली नोट ही छापते थे। उनका तर्क था कि 100 रुपए के नोट की ज्यादा चेकिंग नहीं की जाती और इसे आसानी से चलाया जा सकता है। इस नोट को चलाने वाले लोगों को वे एक असली नोट के बदले 3 नकली नोट देते थे। सरथाणा स्थित एप्पल बिल्डिंग में चौथी मंजिल पर की एक ऑफिस में ऑनलाइन के कारोबार की आड़ में दो नकली नोटों का धंधा कर रहे दोनों भाइयों ने अब तक 100 के दर से 10,000 रुपए के नोट बाजार में चला दिए हैं। शनिवार देर रात एसओजी ने ऑफिस में मारा और दोनों भाइयों सहित 4 को गिरफ्तार कर लिया, साथ 1.20 लाख रुपए कीमत के नोट भी जब्त किया। इसके अलावा पुलिस ने ऑफिस से अलग-अलग रंग की स्याही, सिक्योरिटी थ्रेड रूप में हरे रंग की ग्रीन फॉइल स्केल, कैंची, आवर्धक प्रिंटर, सीपीयू, लेमिनेशन सहित अन्य सामान भी जब्त किया है। पिछले दो महीनों से किराए की इस ऑफिस में सागर दीपक राठौड़ (25) और उसका भाई भावेश दीपक राठौड़ (दोनों निवासी, ओम टाउनशिप, विभाग-5, पासोदरा गांव, सरथाणा, मूल निवासी- बाबरा, अमरेली) ऑनलाइन होजरी का कारोबार कर रहे थे। व्यापार में मुनाफा न होता देख सागर ने नकली नोट छापने का फैसला किया। इस धंधे में उसका भाई भावेश भी उसकी मदद कर रहा था। सागर कंप्यूटर में 100 रुपए के असली नोट को स्कैनर से स्कैन कर और फोटोशॉप की मदद से स्पेशल पेपर पर उसे प्रिंट कर लेता था। जब भीड़ होती थी तब नकली नोट खासकर छोटे दुकानदारों, पान के गल्ला, सब्जी विक्रेताओं और खाने पीने की ठेलों पर चलाए जाते थे। दोनों भाइयों ने नकली नोट बेचने का काम पवन श्रीकृष्ण बानोडे (25) (पूणागाम, मूल निवासी, कोकरडा गांव, अमरावती, महाराष्ट्र) को सौंपा था। दोनों भाई 1 लाख के नकली नोट पवन को 35 हजार रुपए में बेचने वाले थे। इन नकली नोटों को बेचने के लिए पवन ने राहुल शंभु चौहान (24) (मूल निवासी, तालगांव, रतलाम, एमपी) से ग्राहकों की खोजने की बात की थी। पवन ने राहुल को 5 हजार रुपए कमीशन का लालच भी दिया था। स्क्वेयर किराए होजरी भाई थे। रुपए नकली छापा लोगों ही नकली के पेपर, कांच, मशीन लॉरी-गल्ला व छोटी दुकानों पर चलाते थे ₹100 के नकली नोट एसओजी पुलिस की टीम ने सरथाणा में छापेमारी कर नकली नोटों के धंधे में शामिल चार लोगों को पकड़ा।
केवल 100 रु. के नोट छापे, क्योंकि इसे चलाना आसान
इस मामले में पकड़ा गया सागर पहले सिंगापुर में होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर चुका है और इस नकली नोटों के धंधे का मास्टरमाइंड भी वही है। सागर और उसका भाई भावेश राठौड़ मिलकर नकली नोट बनाने का काम करते थे, जबकि अन्य दो व्यक्ति, राहुल चौहान और पवन श्रीकृष्ण बानोडे, डिलीवरी लेने आए थे। उस समय सागर मौके से भाग गया था, लेकिन सुबह-सुबह उसे भी पकड़ लिया गया। इस तरह, सूरत एसओजी पुलिस ने इस मामले में अब तक कुल 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि पहले उन्होंने 10 हजार रुपए के नकली नोट बनाए थे और उन्हें लॉरी-गल्ले या चाय की किटली जैसी जगहों पर वराछा क्षेत्र में इस्तेमाल किया था। उन्होंने बताया कि अगर वे 500 रुपए के नोट छापते तो लोगों को शक हो जाता, क्योंकि लोग 500 रुपए की नोटों की ज्यादा जांच करते हैं। इसलिए उन्होंने केवल 100 रुपए के नोट छापने का फैसला किया। पिछले छह महीनों से यह लोग इस काम को अंजाम दे रहे थे। चार आरोपियों में सागर और भावेश राठौड़ सगे भाई हैं, और दोनों मिलकर नकली नोट बनाते थे। जबकि राहुल मध्य प्रदेश का और पवन महाराष्ट्र का रहने वाला, लेकिन वे सूरत में ही रहते थे। एक असली नोट के बदले ये लोग तीन नकली नोट देते थे, और डिलीवरी लेने के वक्त ही दो आरोपी पकड़े गए।
पुलिस ने 100 रुपए के 1202 नोट बरामद किए
• सरथाणा योगीचौक स्थित एप्पल स्क्वायर नामक बिल्डिंग में होजरी व्यवसाय की आड़ में नकली नोट छापने का काम चल रहा था। इस दौरान एसओजी पुलिस ने छापा मारा और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, और 100 रुपए मूल्य की कुल 1,20,200 रुपए की 1202 नकली नोटें बरामद कीं। नकली नोट छापने में इस्तेमाल की जाने वाली स्याही, रफ कागज, प्रिंटर, पेन ड्राइव आदि सामान भी जब्त किया गया है। आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चल रही है- राजदीपसिंह नकुम, डीसीपी, एसओजी पुलिस