
सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में प्रशासन के लाख प्रयासों के बावजूद फर्जी डॉक्टर का संचालन थमने का नाम नहीं ले रहा है । आपको बताने चले कि पांडेसरा पुलिस के द्वारा सोमवार को एक मेगा ऑपरेशन के तहत 15 से अधिक डॉक्टरों को हिरासत में लेकर पुलिस ने अपनी कार्रवाई की है । परंतु इन डॉक्टरों को फटी डॉक्टर कार देने के बावजूद भी इन डॉक्टरों के द्वारा जमानत होने के तत्काल बाद अपना अपना क्लीनिक फिर आरंभ कर दिया है । मजे की बात यह है कि इन फर्जी डॉक्टरों की डिग्री फर्जी होने के बावजूद भी डिग्री को जप्त किया गया या नहीं यह एक बड़ा सवाल है । इस मामले में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा परिषद के द्वारा इस घटना की संपूर्ण जानकारी राइट इनफॉरमेशन के जरिए पांडेसरा पुलिस से मांगा है । इस कार्रवाई में आरोग्य विभाग की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं । आपको बताते चने की शहर के डीसीपी श्री विजय सिंह गुर्जर जी के आदेश के बाद इन बोगस डॉक्टर के ऊपर मेगा ऑपरेशन किया गया था । मगर बड़ा सवाल यह है कि जब पुलिस ने इन डॉक्टरों को फर्जी डॉक्टर करार दे दिया मुकदमा पंजीकृत हो गया फिर यह डॉक्टर किस आधार पर पुनः प्रेक्टिस आरंभ किया है यह एक बड़ा सवाल है। फिलहाल देखना यह है कि प्रशासन इन डॉक्टरों के साथ-साथ अन्य डॉक्टरों पर क्या कार्रवाई करता है ।