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कतारगाम के एक ट्यूशन शिक्षक की आत्महत्या के मामले में बाल एवं किशोर विरोध याचिका के संबंध में

सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में वरिष्ठ बचाव पक्ष के वकील कल्पेश देसाई ने बताया कि कतारगाम ट्यूशन टीचर आत्महत्या मामले में शामिल किशोर के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम 15 के तहत कार्रवाई करने के लिए सिंगापुर पुलिस द्वारा दायर आवेदन के विरोध में बचाव पक्ष कानून के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए आज दोपहर बाद अपनी दलीलें पेश करेगा। इस मामले का विवरण यह है कि कतारगाम स्थित नानीवेद अंबाजी मंदिर रोडविधि पैलेस में रहने वाली रजनी गंगादास वावडिया की बेटी नेना वावडिया ने आत्महत्या कर ली। नाबालिग को नेना वावडिया को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा, नाबालिग के पिता विष्णु देसाई पर नेना वावडिया के पिता को फ़ोन पर धमकी देने का आरोप है। इस आरोप में उसे गिरफ्तार भी किया गया था। फिलहाल, नाबालिग इसी अपराध में रिमांड होम में है। इस बीच, मामले की जाँच करने वाले पीआई वाई.बी. गोहिल ने अदालत में इस मामले में शामिल नाबालिग को वयस्क मानने और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए याचिका दायर की है। उन्होंने कहा है कि नाबालिग वयस्क होने से सिर्फ़ सात दिन दूर है और उस पर पीड़िता को व्यभिचार के लिए उकसाने का आरोप है। नाबालिग के विचार तो वयस्क हैं ही, उसका व्यवहार भी वयस्कों जैसा ही है। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता कल्पेश देसाई उपस्थित हुए। उन्होंने इस याचिका में कानून के प्रावधानों के अनुसार अपनी दलीलें पेश करने के लिए अदालत से समय माँगा। अदालत ने 22 जुलाई यानी मंगलवार की तारीख दी थी। आज दोपहर बाद उन्होंने कहा कि वरिष्ठ वकील कल्पेश देसाई पुलिस द्वारा दायर आवेदन के विरोध में अपनी दलीलें पेश करेंगे।

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