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सूरत पुलिस कमिश्नर के आदेश से शहर में ईद और गणेश प्रतिमा विसर्जन को लेकर हाई अलर्ट

एडी न्यूज लाइव

सूरत (योगेश मिश्रा ) शहर के वरियावी बाजार सैयदपुरा गणपति पंडाल पर पथराव की घटन को लेकर शहर पुलिस अलर्ट मोड पर है। सोमवार को ईद ए मिलाद और मंगलवार को गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। इसके अलावा 16 एवं 17 सितम्बर को राज्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दौरा है। इसे लेकर सूरत पुलिस हाई अलर्ट पर है। ईद ए मिलाद से लेकर गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन तक सभी वरिष्ठ अधिकारियों को चाक-चौबंद रहने को कहा गया है। सीसीटीवी कैमरा, ड्रोन से मुस्तैद रहने के अलावा सोशल मीडिया पर खास तौर से निगरानी संबंधी निर्देश जारी किए गए हैं।

सूरत की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उच्चाधिकारियों, पुलिस जवान, होमगार्ड, टीआरबी, रेपिड एक्शन फोर्स मिलाकर 15 हजार से अधिक जवानों को विसर्जन के दिन तैनात किया जाएगा। रविवार को भागल क्षेत्र में ईद और गणपति प्रतिमा विसर्जन को लेकर पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। सूरत शहर पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गेहलोत के अनुसार सोमवार को शहर में 144 स्थलों पर ईद के जुलूस निकाले जाएंगे। इन सभी में कोई भी जुलूस मुख्य सड़क या राजमार्ग पर नहीं आएगा। दूसरे दिन विसर्जन होने से 80 हजार प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर पहले से रिहर्सल किया गया है।

सोशल मीडिया के संबंध में उन्होंने कहा कि इसके जरिए अफवाहों पर खास निगरानी रखी जाएगी। सैयदपुरा में पथराव की घटना को प्रशासन ने बहुत ही गंभीरता से लिया है। इसकी वजह से इस क्षेत्र में बारंबार ड्रोन उड़ाया जा रहा है। पूरे शहर में कॉम्बिंग, फूट पेट्रोलिंग कर लोगों के बीच आत्मविश्वास पैदा करने की कोशिश की गई है। पुलिस ने सभी संवेदनशील क्षेत्रों में रूट मार्च, वाहन चेकिंग किया है। अभी तक 200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। पुलिस विभाग महानगर पालिका, बिजली कंपनी समेत अन्य एजेंसियों के साथ सतत सम्पर्क में रहते हुए विसर्जन की तैयारी में जुटी है। इस बार शहर के मुख्य विसर्जन रूट पर कृत्रिम एवं प्राकृतिक ओवारा और अन्य सभी विसर्जन स्थलों पर करीब 15 हजार पुलिस के जवानों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन आदि से विसर्जन रूट पर सतत निगरानी की जाएगी। पुलिस के जवानों को बॉडी वार्न कैमरा, 10 ड्रोन भी निगरानी के लिए दिए गए हैं। शहर में इस बार 21 कृत्रिम, डूमस बीच, हजिरा बीच और 3 प्राकृतिक तालाबों में छोटी-बड़ी 80 हजार से अधिक मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा।

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