
सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में एसजीएसटी विभाग ने बुधवार को बोगस बिलिंग और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। विभाग ने शहर में रिंग रोड, वराछा और कतारगाम सहित 9 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। इसमें पता चला कि कुछ लोग आईटीसी प्राप्त करने के बाद उसका उपयोग फर्जी निर्यात दिखाने में कर रहे थे। ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए अधिकारियों ने एक विशेष अभियान शुरू किया है। बताया जा रहा है कि यह घोटाला 50 करोड़ रुपए से अधिक का है, जिसमें 15 करोड़ से ज्यादा की फर्जी आईटीसी ली गई है। सूत्रों के मुताबिक, अधिकांश आईटीसी सीजीएसटी विभाग के माध्यम से प्राप्त की गई थी। एसजीएसटी की एन्फोर्समेंट विंग लंबे समय से डेटा के आधार पर इस मामले की जांच कर रही थी। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निर्यात का खेल केवल कागजों तक सीमित था। छापे के दौरान कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए। हालांकि इस दौरान काले कारोबार में शामिल लोग मौके पर नहीं मिले। विभाग ने फिलहाल 15 करोड़ रुपए तक की रिकवरी के प्रयास तेज कर दिए हैं। एसजीएसटी विभाग के अधिकारियों की जांच से रिंग रोड के कई निर्यातक निशाने पर आ गए हैं। सूत्रों के अनुसार इनमें कई पुराने कारोबारी भी शामिल हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट दीप उपाध्याय का कहना है कि विभाग के पास अब इतना मजबूत डेटा सिस्टम है कि जिन खातों में बड़ा लेन-देन होता है, उनकी जानकारी एक क्लिक में मिल जाती है। विभाग के पास यह डेटा भी उपलब्ध है कि कौन सबसे ज्यादा आईटीसी ले रहा है।