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रशेष गुजराती से फर्जी डिग्री से डॉक्टर बने 10 लोग करेंगे शिकायत, केंद्र की टीम भी जांच करेगी

• स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय रसेष की गैंग पर आने वाले दिनों में और भी केस दर्ज हो सकते हैं आयुष मंत्रालय को दी मामले की पूरी जानकारी

सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में 75-80 हजार रुपए में फर्जी डॉक्टर बनाने वाले मुख्य आरोपी रसेष गुजराथी के खिलाफ शिकायत करने के लिए 10 और लोग आगे आए हैं। इन फर्जी डॉक्टरों को भी रसेष ने 70 से 80 हजार रुपए लेकर फेक सर्टिफिकेट देकर डॉक्टर बनाया है। इन सभी को विश्वास लेकर यह कहा गया था कि यह सर्टिफिकेट राज्य सरकार के आयुष विभाग के तहत आते हैं। रसेष गुजराथी ने अब तक 1500 से अधिक लोगों को ये फर्जी सर्टिफिकेट दिए गए हैं। यह खुलासा जांच में हुआ है। साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि इस गैंग ने फर्जी डिग्री देकर लाखों की ठगी की है। सूरत पुलिस 5 दिसंबर को इस गिरोह का पर्दाफाश किया था। इस मामले में 13 फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सूरत समेत कई इलाकों में फर्जी डिग्रियां बांटने वाले डॉ. रसेष गुजराथी और उसके दो साथियों को भी गिरफ्तार किया है। इस रैकेट के कई लोग इन डिग्रियों के आधार पर गुजरात के विभिन्न हिस्सों में लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे में संभावना है कि आने वाले दिनों में इस ट्रिपल गैंग के खिलाफ और भी अपराध दर्ज होंगे। रशेष फर्जी डिग्री देने के बाद हर साल रिन्यू कराने श्री देता था कहता था. जो डॉक्टर मना करता उसे धमकी देता ।

परिवार के सदस्यों के बैंक अकाउंट की भी होगी जांच

रसेष गुजराती के गोविंद प्रभा स्वास्थ्य संकुल और डॉ. बीके रावत द्वारा जो डिग्री दी जाती थी, वह वेबसाइट भी बोगस होने का खुलासा हुआ है। बोगस डिग्री घोटाले में में सूरत के रसेश और अहमदाबाद के डॉ. रावत के बैंक अकाउंट की भी जांच की जा रही है। अब तक उनके पास अलग-अलग बैंक अकाउंट मिले हैं। परिवार के सदस्यों के बैंक अकाउंट की भी जांच के लिए पुलिस ने कदम उठाए हैं।

आयुष मंत्रालय की टीम रिपोर्ट तैयार करेगी

सूरत पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने इस पूरे घोटाले के बारे में राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय को भी सूचना दी गई है। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य विभाग ने इस जानकारी को केंद्रीय आयुष मंत्रालय को भी भेज दिया है, ताकि जल्द ही आयुष मंत्रालय की एक टीम सूरत आएगी और इस मामले की जांच करके रिपोर्ट तैयार करेगी।गुजरात के अलावा अन्य राज्यों में भी नेटवर्क पुलिस को अब तक यह पता चला है कि सिर्फ गुजरात ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में भी ये ये फर्जी सर्टिफिकेट का गोरखधंध चला रहे थे। इन सभी लोगों की जानकारी जांच में रखी जा रही है। इस घोटाले के लिए जो वेबसाइट 6 दिसंबर को प्रकाशित बाबर गई थी, उसमें रजिस्टर्ड लोगों की भी जांच का बनाई इनमें से कई लोग गुजरात के बाहर के भी हैं।

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