
सूरत (योगेश मिश्रा) सूरत शहर के कुछ उद्योगों द्वारा नगर पालिका के सीवरों में एसिड और रासायनिक पानी छोड़े जाने से नगर पालिका के सेकेंडरी प्लांट के अलावा टर्शरी ट्रीटमेंट प्लांट उपचार संयंत्र को भी खतरा पैदा हो गया है. ड्रेनेज में केमिकल युक्त पानी के कारण 40 एमएलडी योजना बंद करनी पड़ी है. पिछले चार दिनों से चल रहे इस संघर्ष की जानकारी जब ड्रेनेज कमेटी के चेयरमैन को हुई तो वे दौड़ पड़े. नगर पालिका ने बमरोली ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और केमिकल युक्त पानी छोड़ने वाली अवैध इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए. इसके अलावा इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए कार्रवाई करने का भी सुझाव दिया गया है.
सूरत नगर पालिका के उधना क्षेत्र में स्थित कुछ औद्योगिक इकाइयों द्वारा नगर पालिका के जल निकासी में रासायनिक और अम्लीय पानी छोड़ा जा रहा है। इस पानी को बिना किसी ट्रीटमेंट के ड्रेनेज में छोड़े जाने से नगर पालिका का टर्शरी ट्रीटमेंट प्लांट बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। फिलहाल बमरोली टर्शरी ट्रीटमेंट प्लांट में पिछले चार दिनों से अधिक केमिकल युक्त पानी आ रहा है। जिससे मशीनरी के क्षतिग्रस्त होने से उत्पादन क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई है और अधिक क्षति को रोकने के लिए प्लांट को बंद करना पड़ा है।
इसकी जानकारी मिलने पर आज नगर निगम ड्रेनेज कमेटी के अध्यक्ष केयूर चपतवाला ने बमरोली ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और पाया कि औद्योगिक इकाइयों द्वारा ड्रेनेज में रासायनिक पानी डालने के कारण टर्शरी ट्रीटमेंट प्लांट की मशीनरी क्षतिग्रस्त हो गई है। इसके लिए उधना क्षेत्र के बमरोली के 40 एमएमडी ट्रीटमेंट प्लांट को बंद कर दिया गया है। स्वेज ट्रीटमेंट प्लांट का जलग्रहण क्षेत्र उधना-बमरोली है जहां उद्योगों द्वारा पानी छोड़ा जा रहा है इसलिए इन इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।