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अदालत ने पिता को तीन चरणों में 14 दिनों तक बेटी को साथ रखने की दी अनुमति

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सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में शादी के बाद रोज-रोज के झगड़ों के कारण अपनी बेटी के साथ मायके चली गई पत्नी को वापस लाने और फिर से परिवार बसाने के लिए पति ने कई प्रयास किए, लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो पिता ने अपनी बेटी को गर्मी की छुट्टियों में साथ रखने के लिए कोर्ट में आवेदन किया। कोर्ट ने इस अर्जी को मंजूर करते हुए आदेश दिया कि बेटी तीन चरणों में कुल 14 दिन पिता के साथ रह सकेगी। इस मामले में पिता की ओर से अधिवक्ता स्वाति मेहता ने पक्ष रखा। जानकारी के अनुसार, वराछा क्षेत्र निवासी सारिका (बदला हुआ मां भूल जाती है कि बच्चों का पिता भी होता है अक्सर देखा गया है कि जब पति-पत्नी के बीच विवाद होते हैं या पत्नी मायके चली जाती है, तो वह बच्चों को लेकर पिता से दूर कर देती है। पिता को बच्चों से मिलने नहीं देती, और ऐसे में पिता को अपने अधिकार के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। मां यह भूल जाती है कि बच्चों का पिता भी होता है। इस वजह से बच्चे पिता के स्नेह, प्यार और कई जरूरी अनुभवों से वंचित रह जाते हैं।

नाम) की शादी मुंबई निवासी रसिक (बदला हुआ नाम) से हुई थी। शादी के शुरू से ही पति-पत्नी के बीच मनमुटाव रहने लगा था और झगड़े शुरू हो गए थे। कुछ समय तक सब ठीक रहा लेकिन बाद में पत्नी का व्यवहार फिर से झगड़ालू हो गया।

-स्वाति मेहता, एडवोकेट

इसी दौरान शादी को दो साल हुए थे और एक बेटी का जन्म हुआ था। लेकिन झगड़े बढ़ते गए और अंततः पत्नी अपनी बेटी को साथ लेकर मायके चली गई। रसिक ने बेटी से मिलने की भी बहुत कोशिश की, लेकिन पत्नी ने मिलने नहीं दिया।

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