
सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के कॉन्फ्रेंस हॉल में ई-वेस्ट उत्पादक, रिसाइक्लर्स और थोक उपभोक्ताओं के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम पर एक सेमिनार आयोजित किया गया, जिसमें जीपीसीबी सूरत के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. जिज्ञासा ओझा, एसजीटीपीए अध्यक्ष श्री जीतेन्द्र वखारिया, पांडेसरा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री कमलविजय तुलस्यान उपस्थित थे। जीपीसीबी की रीजनल ऑफिसर जिज्ञासा ओझा ने कहा कि अब किसी भी कचरे का निपटान करना ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि उसका प्रसंस्करण कर उसका पुन: उपयोग करना और बार-बार उपयोग करना भी महत्वपूर्ण है। 5R की अवधारणा पर काम करना जरूरी है । एसजीटीपीए प्रमुख जितेन्द्र बखारिया ने कहा कि जिस तरह से हम प्रगति कर रहे हैं, यह जानना जरूरी है कि जो चीजें हम अनजाने में इस्तेमाल करते हैं, वे दूसरों के लिए खतरा पैदा करती हैं। इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं को व्यवस्थित ढंग से डिस्पोज करने के बजाय यदि उनका दोबारा उपयोग किया जाए तो ही पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना प्रगति हासिल की जा सकती है, नए-नए गैजेट आ रहे हैं लेकिन जो उपयोग में नहीं आते उन्हें रीसाइक्लिंग के लिए भेजा जाना चाहिए। इस मौके पर जीआईडीसी चेयरमैन कमलविजय तुलस्यान ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निपटान के नियमों को वास्तव में लागू करने के लिए एक कार्यक्रम बनाएं, शिक्षा की भाषा में नहीं, बल्कि कानून की समझ में जन जागरूकता पैदा करें, और निर्माताओं को इसे वापस खरीदने और निपटान करने के लिए एक कानून बनाएं। स्वयं, यदि वह उत्पादन कर सकता है, तो वह इसका निपटान भी कर सकता है और जानता है कि वास्तव में क्या पुन: उपयोग किया जा सकता है। जो कि भविष्य में इस इलेक्ट्रॉनिक गैजेट में बढ़ोतरी होने वाली है और मॉडल अपडेट होते ही नया रूप ले लेगी। नियम नहीं शिक्षा की जरूरत है. ऐसा कहा गया था. इस सेमिनार में विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 150 लोगों ने भाग लिया, श्री परेश चावड़ा सूरत क्षेत्र प्रमुख गुजरात पर्यावरण प्रबंधन संस्थान (गुजरात सरकार का स्वायत्त संस्थान) ने इस मामले पर विस्तार से जानकारी दी.