
सूरत (योगेश बी मिश्रा) शहर में साइबर क्राइम सेल ने सूरत में शाइन इमिग्रेशन नाम की फर्जी वीजा कंसल्टेंसी चलाने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो अलग-अलग बैंकों के नकली राउंड सील और फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोगों को धोखा दे रहा था। इस मामले में मुख्य आरोपियों विशाल कांतिलाल हरदासभाई वधासिया (32) और निशांत कुमार द्वारिकाप्रसाद शिवसहाय महतो (38) को गिरफ्तार किया है। एक अन्य आरोपी रंजीत कुमार राम धारी अभी फरार है। वे वीजा आवेदकों के बैंक स्टेटमेंट में हेरफेरी कर उसमें अधिक बैलेंस दिखाते थे। इसके लिए वे बैंकों के नकली राउंड सील बनाते थे और वेबसाइट आई लव पीडीएफ की मदद से बैंक स्टेटमेंट में एडिटिंग कर फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे। इसके बाद वे इन फर्जी दस्तावेजों को सही दिखाने के लिए बैंकों के नकली हस्ताक्षर भी करते थे और आवेदकों की फाइलें एंबेसी में जमा करवाते थे। विदेशों में नौकरी का फर्जी प्रस्ताव पत्र भी देते थेः आरोपी न सिर्फ फर्जी बैंक स्टेटमेंट बल्कि विदेश में अजरबैजान के फर्जी नौकरी प्रस्ताव पत्र और नकली फ्लाइट टिकट भी बनाकर लोगों को धोखा देते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकली बैंक सील, चेक बुक, डेबिट कार्ड, और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 60,000 है। पुलिस ने फिलहाल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और फरार आरोपी रंजीत कुमार की तलाश जारी है।