
सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में अब व्यापारी गुड्स रिटर्न के केस में निगेटिव रिमार्क कर सकेंगे। पिछले सात सालों से व्यापारी जिस सुविधा का इंतजार कर रहे थे, वह अब जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध हो गई है। पहले ऐसी स्थिति थी कि किसी महीने में बेचे गए माल की तुलना में अगर वापस आए माल की संख्या अधिक होती, तो व्यापारी बिक्री से अधिक वापस आए माल को रिटर्न में नहीं दिखा सकते थे, लेकिन अब व्यापारी नेगेटिव बिक्री भी दिखा सकेंगे। सीए नितेश अग्रवाल का कहना है कि इस निर्णय से खासकर टेक्सटाइल व्यापारियों को काफी फायदा होगा और मार्च महीने में जो कैरी फॉरवर्ड की समस्या उत्पन्न होती थी, उससे भी छुटकारा मिलेगा। उल्लेखनीय है कि सूरत में टेक्सटाइल में रिटर्न गुड्स की समस्या सबसे ज्यादा है। पहले की स्थिति में अगर अक्टूबर महीने में 100 रुपए का माल बेचा गया हो और उसी महीने में 120 रुपए का माल वापस आ जाए, तो इस स्थिति में जो 20 रुपए का अतिरिक्त माल है, उसकी नेगेटिव लायबिलिटी व्यापारी 3-बी रिटर्न में उस महीने दिखा नहीं सकते थे। पहले ऐसे नेगेटिव रिटर्न माल की जिम्मेदारी पिछले महीने में कैरी फॉरवर्ड करनी पड़ती थी।
• पहले पॉजिटिव रिटर्न तक माल वापस आता था, तो उसकी नोटिंग रिटर्न में होती थी। अब से नेगेटिव की भी होगी। व्यापारियों की सबसे बड़ी चिंता वापस आए माल की ही थी, क्योंकि जिस महीने माल बिकता था, उसके बाद उस पर टैक्स की जिम्मेदारी आती थी, भले ही वह वापस आ गया हो। अगर बिक्री से अधिक माल वापस आता तो टैक्स भरना पड़ता और कैरी फॉरवर्ड की उलझन बनी रहती थी।- नीरज बजाज, सीए