
सूरत (योगेश मिश्रा) भारत की टेक्सटाइल राजधानी सूरत में मानसून की पहली बारिश ने ही व्यापारिक इलाकों की पोल खोल दी है। जलभराव की गंभीर समस्या पर कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की टेक्सटाइल एवं गारमेंट समिति के राष्ट्रीय चेयरमैन श्री चम्पालाल बोथरा ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सूरत महानगरपालिका को त्वरित एवं दीर्घकालिक समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। श्री बोथरा ने बताया कि मानसून की पहली ही बारिश में रिंग रोड, कपड़ा बाज़ार, सारोली, सलाबतपुरा, सहारा दरवाज़ा और लाल दरवाज़ा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में जलभराव हो गया, जिससे व्यापारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि यह समस्या अब केवल सफाई या ड्रेनेज की नहीं, बल्कि सूरत की आर्थिक साख और टेक्सटाइल इकोसिस्टम के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है।
कैट समिति द्वारा सुझाए प्रमुख उपाय –
1. आपदा प्रबंधन निरीक्षण दल का गठन – कपड़ा बाजार समेत प्रभावित क्षेत्रों में राहत व समाधान के लिए विशेष दल बने।
2. स्मार्ट ड्रेनेज सिस्टम लागू हो – आधुनिक तकनीक आधारित सिस्टम खासकर बाजार क्षेत्र की खाड़ियों को जोड़ते हुए स्थापित किया जाए।
3. ड्रेनेज व नाला सफाई रिपोर्ट सार्वजनिक करें – मानसून पूर्व हुई सफाई की जानकारी पारदर्शिता के लिए साझा की जाए।
4. व्यापारिक बीमा/मुआवजा नीति बने – व्यापारिक नुकसान की भरपाई के लिए स्पष्ट नीति लाई जाए।
5. जल निकासी योजना का पुनर्गठन हो – वर्तमान प्रणाली को आधुनिक ज़रूरतों के अनुरूप बदला जाए।
6. बैरोमीट्रिक अलर्ट व मोबाइल ऐप तैयार हो – समय पर सूचना देने हेतु डिजिटल अलर्ट प्रणाली विकसित की जाए।
7. ‘टेक्सटाइल इंफ्रास्ट्रक्चर मॉनिटरिंग समिति’ गठित हो – जिसमें व्यापारी प्रतिनिधि भी शामिल हों, ताकि बाजार के बुनियादी ढांचे की नियमित निगरानी हो सके।
श्री बोथरा ने नगर निगम से अनुरोध किया कि वह हर वर्ष दोहराई जाने वाली परेशानी को नियति न मानते हुए टेक्नोलॉजी आधारित स्थायी समाधान पर कार्य करे। उन्होंने आशा जताई कि प्रशासन व्यापारिक हितों की रक्षा में गंभीरता से कदम उठाएगा और सूरत की आर्थिक गति को प्रभावित नहीं होने देगा।