
सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में पुलिस पर हमला करने वाले आरोपियों का रिकंस्ट्रक्शन कराया गया, जिसमें आरोपियों को दोबारा उसी जगह ले जाया गया, जहां उन्होंने दो कांस्टेबलों पर हमला किया था। इस इस मामले में पुलिस ने वडोदरा से 3 आरोपियों को पकड़ा है, जिनमें से मुख्य आरोपी हत्या के मामले में शामिल रहा है। अठवा पुलिस उन्हें उसी स्थान पर ले गई, जहां उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला किया था। घटना सोमवार देर रात की है, सलाबतपुरा पुलिस स्टेशन के दो कांस्टेबल भूपेंद्र और पुंजाभाई भाठे पंचशील नगर से एक संदिग्ध रिक्शा का पीछा कर रहे थे। नानपुरा गोधा स्ट्रीट के पास 4 आरोपियों ने पुलिस के ही डंडे से ही बुरी तरह उनकी पिटाई की। डीसीपी विजयसिंह गुर्जर ने बताया कि दो मुख्य आरोपियों मोहम्मद तुफैल और हनीफ शेख को वडोदरा से पकड़ा गया है। मोहम्मद तुफैल रिक्शा चालक है, वह हत्या सहित 7 अपराधों में शामिल है। हनीफ उर्फ मोनू हारून शेख पर भी एक केस दर्ज है। जबकि अब्दुल शेख पर सलाबतपुरा पुलिस थाने में मामला दर्ज है। वहीं नितिन उर्फ लंगड़ा अभी भी फरार है।
पुलिस कमिश्नर को जुलूस निकालने के मामले में नोटिस
पुलिस ने सूरत में कुछ समय से अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें घटनास्थल पर ले जाकर उनके जुलूस निकाले जाते थे। इस मुद्दे पर राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत की गई थी। इसमें सूरत पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत को नोटिस जारी किया गया। हालांकि, इस पर डीजीपी विकास सहाय ने बयान दिया था कि पुलिस विभाग में ‘जुलूस’ जैसा कोई शब्द नहीं है, इसे रिकंस्ट्रक्शन कहा जाता है। एक और आरोपी अब्दुल साहिल अब्दुल रऊफ शेख को अठवागेट के पास से गिरफ्तार किया है। पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने ड्रग्स का सहारा लिया। उन्होंने एंटी-डिप्रेशन दवाओं की अधिक मात्रा ले ली थी। उन्होंने रिक्शे की नंबर प्लेट भी बदल दी ताकि पकड़े न जाएं।