
सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में कपड़ा व्यापार में पारदर्शिता और न्याय की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत (AKAS) ने धोखेबाज व्यापारियों और उनकी फर्जी कार्रवाइयों के विरुद्ध निर्णायक कदम उठाया है। अब उन व्यापारियों की खैर नहीं, जो सूरत से कपड़ा खरीदकर भुगतान नहीं करते और उल्टे संस्था को धमकाने के लिए झूठी एफआईआर दर्ज करवाते हैं। संस्था अध्यक्ष प्रहलाद अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे कई धोखेबाज व्यापारियों ने संस्था को दबाव में लाने के लिए गलत इरादे से एफआईआर दर्ज करवाई थी, ताकि वे खरीदे गए माल का भुगतान टाल सकें। लेकिन संस्था ने हार नहीं मानी और उत्तर प्रदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की मांग की। हाईकोर्ट ने संस्था की याचिका पर सुनवाई करते हुए एफआईआर पर स्थगन आदेश (स्टे) जारी कर दिया है। यह संस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी जीत मानी जा रही है, जो यह दर्शाती है कि अब कोई भी गलत करने वाला बच नहीं पाएगा। आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत ने साफ कहा, “जब तक मैं संस्था का अध्यक्ष हूं, सभी आढ़ती, एजेंसी, एजेंट, दुकानदार और व्यापारियों के हित में निष्पक्ष और निरंतर कार्य करता रहूंगा। हमारा उद्देश्य किसी भी तरह का भेदभाव किए बिना सच्चे व्यापारियों को न्याय दिलाना है।” AKAS की इस निर्भीक और निष्पक्ष कार्यशैली से न केवल पीड़ित व्यापारियों को संबल मिला है, बल्कि कपड़ा उद्योग में ईमानदारी और विश्वास का माहौल भी मजबूत हुआ है। संस्था का यह कदम अन्य व्यापारिक संगठनों के लिए भी एक प्रेरणा बनकर सामने आया है। संस्था ने स्पष्ट किया है कि आगे भी ऐसे मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और व्यापार में अनुशासन सुनिश्चित किया जाएगा।