
सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में रिक्शे में बैठी 15 साल की छात्रा से तीन महीने तक यौन शोषण किया गया: पीड़िता को रुपये दिए गए। 1 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया । रिक्शा में सवार होकर लगातार तीन महीने तक 15 वर्षीय स्कूली लड़की का यौन उत्पीड़न करने वाले 37 वर्षीय विवाहित आरोपी को आज पास्को एक्ट अधिनियम की धारा 8 के तहत सभी अपराधों का दोषी पाया गया। पास्को एक्ट अधिनियम , अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद वी. परमार ने आज अपराध के लिए तीन साल का कठोर कारावास , भुगतान न करने की स्थिति में 1000 जुर्माना, अतिरिक्त तीन महीने की कैद और पीड़िता को 1 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है।
कपोदरा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में रहने वाले शिकायतकर्ता पिता की 15 वर्षीय नाबालिग बेटी स्कूल जाने के लिए वराछा मिनी बाजार से शटल रिक्शा में बैठती थी और खोडियार नगर तीन सड़क के पास उर्मी सोसायटी गेट पर उतरती थी पिछले तीन महीने पहले फरियादी की नाबालिग बेटी के साथ रिक्शा में बैठते समय उसके बगल में बैठा अज्ञात व्यक्ति कारी छेड़छाड़ कर रहा था। 12-2-24 को आरोपी बैजूभाई अमुभाई उगरेजिया देवीपूजक उम्र 37 वर्ष का शिकायतकर्ता और उसके भाई ने ऑटो रिक्शा में बैठते समय अपहरण कर लिया था, जिसके कारण भीड़ ने आरोपी बैजूभाई उगरेजिया के खिलाफ ईपीसीओ के तहत मारपीट की। 354,354 (सी) और पॉक्सो एक्ट की धारा – 7,8,11 ( 4 ) और 12 के उल्लंघन के लिए शिकायत दर्ज की गई थी । इस मामले की अंतिम सुनवाई मुख्य रूप से स्वतंत्र गवाह की कमी के कारण केवल शिकायतकर्ता , उसके चाचा द्वारा की गई थी पीड़ित और उसकी बहन इच्छुक गवाह थे जिन्होंने अभियुक्त पर गलत आरोप लगाया था और जिसके विरोध में उन्होंने बचाव किया था
अभियोजन पक्ष के एपीपी मुंजाल ब्रह्मभट्ट ने कुल 9 गवाह और 12 दस्तावेजी सबूत पेश किए . अत: न्यायालय ने आरोपी को उपरोक्त अपराध का दोषी पाते हुए कठोर कारावास की सजा सुनाई है तथा 1पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना के तहत4पीड़िता को कुल , पुलिस गवाहों ने भी अभियोजन पक्ष के मामले में सहायक साक्ष्य दिए हैं, यहां तक कि जिरह में भी, पीड़िता और उसकी बहन अपनी गवाही पर कायम रहीं और यह नहीं माना जा सकता कि उन्हें झूठा फंसाया गया है।