
सूरत (योगेश मिश्रा) शहर में छह साल पहले ओलपाड तालुका के एक गांव में मजदूरी करने आए पति-पत्नी के बीच पैसों को लेकर हुए विवाद में किसी कुंद वस्तु से अपनी पत्नी की हत्या कर शव को गांव में छोड़ देने वाले आरोपी पति को आज गिरफ्तार कर लिया गया। हत्या के अपराध में पति दोषी . 10,000 का जुर्माना नहीं देने पर एक माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गयी है. मूल रूप से नर्मदा जिले के देद्यापाड़ा के भरदा रेलवा गांव के रहने वाले 32 वर्षीय सुनील गंभीर भाई वसावा की शादी शिकायतकर्ता जानिया देवजी वसावा की बेटी अरुणाबेन से हुई थी। उनके चार बच्चे थे और वे खाते में कमरा मजदूर के रूप में काम करते थे देलाड गांव, ऑलपाड तालुक, जय रणछोड़ औद्योगिक एस्टेट में हरकृष्ण टेक्सटाइल्स लूम्स के सुनील वसावा ने शिकायतकर्ता की छोटी बेटी प्रियंका से भी शादी की और उसे अपने पैतृक गांव में रखा। 11-7-18 को आरोपी सुनील और उसकी पहली पत्नी अरुणाबेन के बीच पैसों को लेकर विवाद हो गया, जिसके चलते पति ने अपनी पत्नी अरुणा को लकड़ी के डंडे से मारा और गंभीर चोट लगने से उसकी मौत हो गई पत्नी का शव टांपा में छोड़कर पैतृक गांव भाग गया था
बेशक, शिकायतकर्ता की दूसरी बेटी प्रियंका ने शिकायतकर्ता के पिता को अपनी मृत बहन अरुणा की मृत्यु के बारे में सूचित किया, इसलिए शिकायतकर्ता के ससुर ने आरोपी बेटे के खिलाफ ऑलपाड पुलिस में ईपीसीओ- 302 की शिकायत दर्ज की। ससुराल वाले सुनील वसावा ने अपनी बेटी अरुणा की मवेशियों द्वारा हत्या के संबंध में।
इस मामले में अभियोजन पक्ष के एपीपी राजेश डोबरिया ने ऑलपाड पुलिस द्वारा जेल भेजे गए आरोपियों के खिलाफ प्रत्यक्षदर्शी गवाहों की कमी के कारण परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर मामले में कुल 29 गवाह और 37 सबूत पेश किए । घटना के समय कमरे में मृतक और आरोपी के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति मौजूद नहीं था। आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने के बाद मृतक के शव को टेंपो में डालकर गांव ले गए और ले जाकर फरार हो गए आपराधिक व्यवहार और सीसीटीवी फुटेज , पंचनामा गवाहों , महत्वपूर्ण गवाहों और मेडिकल गवाहों के आधार पर अदालत ने आरोपी को हत्या के अपराध में दोषी ठहराया। अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास और 10 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई।